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पहले सुना करते थे... हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में है भाई-भाई
सिर्फ चार धर्म के लोग होते थे और सब आपस में भाई-भाई होते है ऐसा सिखाया जाता था....
आजकल समय बदल गया जनाब और धर्म भी समय के साथ नयी उत्पत्ति लेते गए ....शायद उतपत्ति तो नहीं कह सकते लेकिन नेताओ ने बांटो और राज करो के नाम पर लोगो में यह विभेद ज्यादा कर दिया
अब बदले हुए दौर में धर्म के नाम कुछ इस प्रकार है
मुस्लिम, सिख ,ईसाई , दलित, ब्राह्मण , राजपूत, गुर्जर, जाट, फिर सामन्य वर्ग ,ओबीसी वर्ग और भी कुछ जिनसे नेताओ को फायदा मिल सके ...
सबसे बड़ा धर्म हिन्दू धर्म को तोड़कर बिलकुल बिखेर दिया क्योकि देश के दुश्मन जानते है पेड़ को गिराना है तो पेड़ की सबसे बड़ी जड़ एवं मजबूत डाली को अलग कर दो,पेड़ को सरलता से गिराया जा सकता है ...और शायद हम सबसे मजबूत डाली आज उन्ही चंद देश के दुश्मनो के बहकावे में आकर बिखर कर कमजोर हो गए ...
काश वापस से हिन्दू सिर्फ हिन्दू रहे ....और सबको दिखा सके महाराणा प्रताप के साथ देने वाले भील थे किन्तु उन्होंने राणा की जाती नहीं देखि न ही राणा ने भील से उनकी जाती पूछी .....हिन्दू थे हिन्दू का साथ दिया ...
.....कहा जा रहा है की भीम सेना को फंडिंग एवं हथियारों की ट्रेनिंग दिलाने के लिए उस वामपंथी ग्रुप ने संपर्क किया जो नक्सली को सपोर्ट करते है एवं हथियार की ट्रेनिंग देते है ....
भीम शब्द हिन्दुओ में बहुत बड़ा नाम है ...शायद महाभारत वाला भीम या...बाबा साहब वाला भीम .....दोनों ही भारत देश की सबसे बड़ी ताकत थे ...किन्तु ये वामपंथी ??? ये तो अपने बाप के भी नहीं होते...बस देश को तोड़ने के लिए बहार देश से पैसा लेकर इस तरह कमजोर और लालची लोगो को जाल में फसाते है ...देखना ये है ..की देश के लोग किस और जाते है ....एक सुनहरे भविष्य कीओर या टूटते हुए ..सपनो के साथ डूबती नव की और....

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