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रो रहा है एक बच्चा दूजा मना रहा ख़ुशी दूसरे के मातम पर ...क्यों करते हो ये सब ,क्या मिलता है?

रो रहा है एक बच्चा दूजा मना रहा ख़ुशी दूसरे के मातम पर ...क्यों करते हो ये सब ,क्या मिलता है?
क्या मिला बेगुनाहो को मारकर, सिर्फ अपने आका की तारीफ या चंद पैसे की बढ़ोतरी अपने दहशतगर्दी के मेहताने में? या कुछ और दहशत गर्दी में अपना कद बड़ा गया हो ,जिनसे सिर्फ अपने जैसे हत्यारो में हुकूमत चला सको? क्या सोच कर अटैक किया निहत्थों पर, की इनको मारकर अपना सिक्का जमा लोगे या जन्नत की हूर मिलेगी जब तुम्हर हिसाब होगा? अरे कायरो बेगुनाहो को मारने से हूर नहीं जरनुह्मं में किसी कोने में कोड़े पड़ेंगे तब यद् करना अपने आका की तारीफों को जिनके लिए इन बच्चे बुड्ढे निहत्थों को मार रहे हो?
हो सकता है शायद कुछ जगहों पर ख़ुशी मनाई जा रही हो, यू ट्यूब  या टीवी चैनल पर यहाँ का मातम देखकर ख़ुशी में नाच रहे हो?लेकिन कभी सोचा है उस औरत की हालत जिसके घर का चिराग बुझ गया हो या उस पोते के सवाल का जवाब की पापा दादा कहानी क्यों नहीं सुना रहे?
शायद तुम अपने बच्चो के भी सगे नहीं तुम नहीं समझते दर्द किसी का जब ही तो चंद कागज के टुकड़ो के लिए खेल जाते हो मासूमो की दुनिया से ...अरे हिम्मत है तो दिन के उजालो में सामने से वॉर करो तब देखे तुम्हारे आका की एवं तुम्हारी मर्दानी, है हिम्मत ?या कायरो की तरह बिल में घुस कर आते रहोगे और बेगुनाहो का खून बहाकर वापस चूहे की तरह बिल में घुस जाओगे?
मोदी जी आप इसराइल से कुछ लाये या युही बाते बनाकर आ गए...अरे दिखाओ अब जो इजराइल करता है ....लो बदला या फिर पीडीपी के पल्लू से बंधे रहोगे और कड़ी से कड़ी निंदा करते रहोगे ...
बस करो ये कड़ी निंदा का खेल खेलना, मोतो के बराबर के जिम्मेदार हो आप ....पहले आप पहले आप फिर हम ,पहली गोली हमारे नहीं होगी हम तो हमेशा पीछे की रोटी ही खायेंगे ...ये विचारधार छोड़ो मोदी जी ....
आंखे खोलो और लो बदला ..और ऐसा बदला लो की इजराइल की नहीं हमारे आने वाले नौजवान भारत का उदाहरण दे ...
आत्मिक- श्रंद्धाजलि
सुजीत

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