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देशभक्ति का सर्टिफिकेट "वन्देमारतम"!!!!! आतंकवादी भी वन्देमातरम बोल दे तो क्या देशभक्त होंगे??

देशभक्ति का सर्टिफिकेट "वन्देमारतम"!!!!! आतंकवादी भी वन्देमातरम बोल दे तो क्या देशभक्त होंगे??

यह बड़ी विचित्र बात देश में चल रही है ...देशभक्त और देशद्रोही .... देशभक्त होना गर्व की बात है...और 100 में से 90 लोग देशभक्त है और इसमें कोई दोहराई नहीं और किसी को भी आजकल देशभक्त होने का सर्टिफिकेट मिलना बहुत आसान हो गया सिर्फ वन्देमातरम ...भारत माता की जय ..बोलना है जुबान से बस ...और आप हो गए 100 प्रतिशत देशभक्त .....इतना शानदार ऑफर किसी और देश मिलेगा??
सुखदेव ,राजगुरु, भगत सिंह ने तो जान दी देश के लिए तब जाकर देशभक्त कहलाये ,,,आज़ाद ने आज़ादी दिलाई तब जाकर देश भक्त कहलाये लेकिन यह तो  कलयुग है ..मॉडर्न युग है ....अब इंसान चाँद तक पहुंच गया ....जिओ से नेट फ्री हो गया ...कालिंग फ्री हो गयी ...दिव्यांग इंसान चल सकता है ....हर तरह की चीजो मे काफी बदलाव आगया तो .... देशभक्ति और देशद्रोही का सर्टिफिकेट देने में भी बदलाव होना ही चाहिए ..
जब देश इतनी तरक्की कर रहा है तो इस सर्टिफिकेट को पाने का तरीका भगत सिंह जैसे जान देकर तो अब नहीं हो सकता न... ...इसलिए इसको इंटरव्यू बेसिस पर कर दिया ...बस कुछ लोगो की जिद के सामने वन्देमातरम बोल  दो और  आप बन जाते हो देशभक्त ..वरना आप देशद्रोही है और देशद्रोही के लिए एक जगह है पाकिस्तान ...


मेरे मन में एक विचार आया....
एक व्यक्ति प्रतिदिन अपने धर्म की आराधना करता ....कठिन पढ़ाई करके एक अच्छी कंपनी में नौकरी पाता है  ....दैनिक अपने सभी दोस्तों के साथ मिलकर हसी मजाक करता है .... भारत के मैच जीतने पर अपने दोस्तों के साथ बाइक पर हुल्लड़ मचता हुआ ख़ुशी मनाता है....15अगस्त हो 26 जनवरी हर बार एक देशभक्ति स्पीच स्कूल से देता रहता है ...और तो और अपने हर साल पेड़ भी लगता है ताकि आने वाली पीढ़ी को भी इसका फायदा मिल सके..अपने ऑफिस  जाता और वहाँ से चुपचाप घर आता.है ...

एक दिन उसका कश्मीर घूमने जाने का प्लान बना ....अपने बाकि दोस्तों के साथ.......वो कश्मीर घूमने गया....कित्नु कुछ ऐसा हुआ की वो अपने Group से भटक गया  ...उसको एक बाबा मिले जिन्होंने उस से उसका नाम ,पता पूछा और विश्वास में ले कर घर ले गए जब वो वहा से गुजर रहा था तो उसने देखा वहा कई घरो के पास बहुत से पत्थरो के ढेर लगे है ....नौजवान भटके हुए- गुमराह तो नहीं कह सकते... क्योकि वो सेना पर पत्थर मरने की ही प्लानिंग कर रहे थे....
वो नौजवान कुछ समझ पाता की उस से पहले उसने देखा 8 बन्दूक धारी लम्बी सी दाढ़ी वाले हरे कुर्ते पाजामे में लोग एक सभा कर रहे है और देश के विरुद्ध हमले की बात कर रहे है ....
तब ही बाबा ने उसको उन लोगो के सुपुर्द कर दिया ...
उस नौजवान ने उनको अपनी हकीकत बताई किन्तु बन्दूक धारी बोला की या तो हमारे साथ हो जा या फिर काफिर समझ कर तुझे मारना पड़ेगा ...वो बिचारा उनके साथ हो लिया ...
और वो लोग अपने मिशन के लिए उत्तम प्रदेश चल दिए ...
 उसने जैसे थोड़ा भी मौका देखा वो इशारो में कुछ लोगो को समझाने लगता ...किन्तु कोई उसकी और ध्यान नहीं देते ...
समय गुजरात गया ...कारंवा  बढ़ता गया ..वो नौजवान एक तरफ देश के लिए चिंतित था क्योकि उसको पता था अगर अब बगावत की तो सिर्फ में नहीं ,देश के कई लोग और भी मारे जायेंगे ...इसलिए सही मोके का इंतजार करता रहा...
एक दिन उसके ग्रुप के लोग फाइनल प्लानिंग कर रहे थे की कल क़यामत की रात होगी देश के लिए ....और उतने में ही वो नौजवान वहा  से मोका देख कर भाग खड़ा होता है ..उसके पीछे पीछे वो सभी लोग उसको पकड़ने के लिए भागते है ........
थोड़ी दूर पर उसे कुछ लोग जो वन्देमातरम वन्देमारम के नारे लगा रे होते है .. गलती से वो उनसे टकरा जाता है .......हरे रंग का कुरता पजामा ...लाबी सी दाढ़ी ...सर पर टोपी काफी थी उसके धर्म को बताने के लिए ..फिर क्या था वन्देमातरम नारे लगाने वाले देशभक्तो ने कर दिया उसका इंटरव्यू स्टार्ट ...उसने खूब समझाने की कोशिश की किन्तु सर्टिफिकेट बाटना था...देशभक्ति एवं देशद्रोही का ...तो अब इस से ज्यादा जरुरी कुछ और क्या हो सकता है ....उस नौजवान ने भरसक प्रयास किया समझाने का ....और उतने में ही पीछे से बाकि के दहशत गर्द भी आ गए ...और उन मौका परस्तो ने एते ही भारत जिंदाबाद ...वन्देमातरम बोल कर देशभक्ति का सर्टिफिकेट ले लिया ...और इसी खीज में वो नौजवान ...ने सर्टिफिकेट लेने से मना कर दिया ..और वही के वही उस देशद्रोही के सर्टिफिकेट के साथ साथ उसको सजा भी सुनाई दे दी गयी और अख़बार में दूसरे दिन दो न्यूज़ लगी भीड़ ने एक एक नौजवान को मार-मार कर अधमरा कर दिया और ISIS के दहशत गर्दो ने बम धमाका किया जिसमे 100 बेगुनाहो की जान चली गयी....

.......
और वो सरे बचे हुए दहशत गर्द अब पाकिस्तान चले गए शायद वो भारत में देशभक्त करार दिए गए थे ....
शायद अब इस कहानी का मतलब सबको समझ आ गया होगा ...और उस नौजवान ने भी हॉस्पिटल से निकलते ही वन्देमातरम बोलकर देश भक्ति का सर्टिफिकेट ले लिया ....



 मन विचलित सा है ....किन्तु यह कड़वी सच्चाई है ....हालांकि वन्देमातरम बोलना मेरे लिए गर्व की बात है ..आखिर इस देश ने ही मुझे मेरा जन्म , धर्म दिया ..बाकि सब दिया ....
किन्तु इसी के नाम पर सर्टिफिकेट बाटना ....यह हर नागरिकके लिए चिंता का विषय है ...

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