Skip to main content

किसी को ट्वीटर पर फॉलो करना ..प्रधानमंत्री का बड्डपन है ...उसके व्यक्तित्व का सर्टिफिकेट नहीं ..........

किसी को ट्वीटर पर फॉलो करना ..प्रधानमंत्री का बड्डपन है ...उसके व्यक्तित्व का सर्टिफिकेट नहीं ....
मीडिया, सोशल मीडिया हर तरफ कुछ समय से प्रधानमंत्री मोदी जी का किन्ही लोगो को फॉलो करना चर्चा का विषय बना हुआ है ..कोई भी व्यक्ति यदि किसी अभद्र भाषा का प्रयोग करता है तो आजकल सबसे पहले देखा जाता है की मोदी जी उसे फॉलो तो नहीं कर रहे ? यदि ऐस पाया जाता है तो ...तो उसको बहुत बड़ा चढ़ा कर बताया जाता है...इसी शृंखलना में अभी एक पत्रकार जो हिंदूवादी संगठनों,आरएसएस के खिलाफ काफी उत्तेजना भरे लेख लिखा करती थी ....उनकी गोली मारकर हत्या कांग्रेस शासित राज्य में हो गयी ...और इसी मुद्दे पर दो तरह के लोग अपनी भावनाये व्यक्त कर रहे हैपहले वो जो इस हत्या को गलत मानकर सीधे रूप से प्रधानमंत्री को जिम्मेदार मान रहे है ..जैसे प्रधानमंत्री ने विदेश से फोन करके उस बुजुर्ग पत्रकार की हत्या का आदेश दिया हो...और दूसरे वो ..जो इस हत्या पर भी अपनी भड़ास निकालना कम नहीं कर रहे और हत्या को सभी मायनो में सही बता कर अपनी मूर्खता का परिचय दे रहे है .......कई ने तो आगामी टॉप फाइव लिस्ट भी बना ली जिसमे सर्व प्रथम सागरिका घोष का नाम बताया जा रहा है ....उसी बीच दूसरी श्रेणी के लोगो की ट्वीटर लिस्ट खंगाली जा रही  है और उस में यदि मोदी जी का फॉलोविंग मिल गया तो मुद्दा बड़ा बनाकर बताया जा रहा है ,आज भारतीय जनता पार्टी के सुचना विभाग के प्रधान ने प्रेस रिलीज़ करके बताया की मोदी जी का किसी को फॉलो  करना उसके व्यक्तित्व का सर्टिफिकेट नहीं है आगे वो कहते है-
प्रधानमंत्री के फॉलो करने वाले मुद्दे को जिस तरह तूल दिया जा रहा है वो सरसर गलत है ....प्रधानमंत्री बड़े दिल वाले  एवं देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है जो साधारण लोगो को भी सोशल मीडिया पर फॉलो करते है एवं उनसे वार्तालाप करके देश के विभिन्न मुद्दों पर उनके विचार जानते है, वो देश के ऐसे प्रधानमंत्री है जो वास्तविकता में अभियक्ति की आज़ादी को स्वीकार करते है और किसी को भी unfollow  या ब्लॉक नहीं करते

 प्रधानमंत्री का किसी को फॉलो करना किसी के व्क्यक्तित्व का सर्टिफिकेट नही-

आगे सुचना विभाग के प्रधान कहते है की प्रधानमंत्री का किसी को फॉलो करना उसके व्यक्तित्व का सर्टिफिकेट नहीं और नहि उसके व्यवहार की गारंटी है की वो किस तरह व्यहवार करे...
प्रधानमंत्री तो राहुल गाँधी को भी फॉलो करते है जो लूट और फ्रॉड के आरोपी है, प्रधानमंत्री केजरीवाल जी को भी फॉलो करते है जो उन्ही की पार्टी की कार्यकर्त्ता को बोलते हुए वीडियो में पाए गए की सेटल कर लो जब कार्यकर्त्ता ने एक बड़े पदाधिकारी के खिलाफ संगीन आरोप लगाए थे ....




राहुल गाँधी, अरविन्द केजरीवाल जैसे बड़े नेता भी करते है अभद्र भाषा का प्रयोग करेने वालो को-

 राहुल गाँधी भी तहसीन पूनावाला को फॉलो करते है जो हमेशा अभद्र भाषा का प्रयोग करते है ....केजरीवाल जी भी रोडीज़ के कलाकार को फॉलो करते है जो खुलेआम लोगो को गालिया देते है ...उसी में कांग्रेस के कई बड़े एवं अरविन्द केजरीवाल जैसे नेता अभिषेक मिश्रा जैसे लू को फॉलो करते है जो खुल्ले आम गालिया देते है एवं महिलाओ को धमकी तक देते है ...

कई ऐसे बड़े नेता है जो इस तरह अन्य लोगो को फॉलो करते है किन्तु किसी अन्य के फॉलो करने पर मीडिया सवाल उठता है ही कोई और बुद्धिजीवी....

Comments

Popular posts from this blog

देव भूमि हिमाचल को मिला "कृष्ण भक्त" सादगी और परोपकार के धनि निर्देशक आई आई टी मंडी के लिए,बहुतो के पेट में हो रहा दर्द

हिमाचल आई आई टी मंडी को लगभग 2 वर्षो बाद पुर्णकालिन निर्देशक मिल ही गया है. इससे पहले आई आई टी मंडी में निर्देशक श्री टिमोथी ऐ गोनसाल्वेस थे जिन्होंने 10 वर्षो से भी ऊपर आई आई टी मंडी में निर्देशक के पद पर कार्य किया था.  उनके कार्यकाल के समय कई कोर्ट केस भी हुए, घोटालो के आरोप लगे जो अभी तक उच्च न्यायलय में विचाराधीन है. अब आई आई टी मंडी जो की देव भूमि हिमाचल के सबसे बड़े जिले मंडी में स्थित है, को एक दशक बाद दूसरा, नया पूर्णकालिक निर्देशक मिला है जिनका नाम  श्री "लक्ष्मीधर बेहेरा"है.किन्तु यह दुखद है की उनके निर्देशक नियुक्त करने की घोषणा के बाद एवं पद ग्रहण करने से पूर्व ही उनको बेवजह की कंट्रोवर्सी में खींच लाया गया और एक एजेंडा के तहत नरेटिव सेट कर दिया गया .  यह इसलिए हुआ क्योकि वो तिलकधारी है, श्री कृष्ण के उपासक है,सेवा भावी है , छल कपट, आडम्बर से दूर है. सूट-बूट, कोट-पेंट के बजाय कई बार धोती एवं सादा सा कुर्ता पहन, गले में तुलसी माला धारण कर अपने कर्मो का निर्वहन करते है.      प्रोफ बेहेरा के बारे में थोड़ा सा जान ले... प्रोफ बेहेरा आई आई टी कान...

नवरात्रे हुए सम्पन्न, देखते है मातारानी के पांडाल में गरबे के आयोजन में नाचने वाले कितने काफिर पर जारी होता है फतवा...

उत्तर प्रदेश में हर-हर शम्भू भजन की कॉपी गाने वाली तीन तलाक पीड़िता गायक कलाकार फ़रमानी नाज हो या फिर अलीगढ़ की रूबी खान जिसने खुद के घर में गणेशोत्सव पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की और तो और रांची की योग सिखाने वाली टीचर राफिया नाज तक को इस्लाम धर्म के तथाकथित नियमो के विपरीत जाने के आरोप पर फतवे का सामना करना पड़ा।आगे बात करे तो भारतीय क्रिकेट के स्टार मोहम्मद शमी तक के ख़िलाफ़ दशहरे की शुभकामनाएं देने के जुर्म में इस्लाम के मौलाना-मौलवियों ने फतवे जारी करने की धमकी दे डाली थी । लेकिन पुरे नो दिन के नवरात्रि निकल गए, समस्त गरबे भी सफलतापूर्वक संपन्न हो गए, मेरी निगाहे टक-टकी लगाकर देश के किसी भी कोने से, मातारानी के पांडाल में उनके चारो तरफ परिक्रमा करते हुए धूम-धाम से जयकारा लगाते, संगीत पर नाचने-गाने वाले मुस्लिम काफिरो के ख़िलाफ़ फतवे का इंतजार कर रही है। इस्लाम में मूर्ति पूजा, नाचना-गाना, दूसरे धर्म के धर्म स्थलों पर जाकर माथा टेकना, यहाँ तक भारत माता की जय, वन्दे मातरम नारे लगाना तक हराम है, फिर इन मुस्लिम युवाओं के ख़िलाफ़, जो अपनी पहचान ऊँचे पजामे, जालीदार गोल टोपी, बिना मू...

आंदोलनजीवियों के हथकंडो से कब तक होते रहेंगे राजमार्ग बंधक,क्या आमजन के फंडामेंटल राइट्स की परवाह नहीं किसी को?

 दिल्ली के पास स्थित शम्भू बॉर्डर पर डेरा डाल कर तथाकथित पंजाब से आये किसानों का प्रर्दशन चल रहा है और वो देश की राजधानी दिल्ली में घुसने की मांग कर रहे है, जबकि केंद्र सरकार पिछले आंदोलन जिसमे (लालकिले पर खालिस्तानी झंडा लहराने और पुलिस को बुरी तरह पीटने) बड़ी अराजकता होने से सरकार की बुरी स्थिति हो गयी थी, से सबक लेकर इनको बॉर्डर पर ही रोकने पर आमादा है।। तथाकथित पंजाब से आये किसानों के इरादों और बातो से ऐसा प्रतीत होता है जैसे मुगलिया सल्तनत ने दिल्ली पर कूंच कर दी हो और वह दिल्ली के राजा को डरा धमका कर गद्दी से हटाना चाहते हो। जिस तरह की तस्वीरें शम्भू बॉर्डर से आ रही है उन्हें देखकर किसी भी तरीके से मासूम अन्नदाता किसानो का आंदोलन यह कहा ही नहीं जा सकता।                   आम आदमी पार्टी की सरकार वाले राज्य पंजाब से 10 हजार के लगभग इन तथाकथित अन्दोलनजीवियो का आगमन हुआ है,लगता है शायद इनको एजेंडा के तहत भेजा गया हो भारत सरकार के खिलाफ किसानो के नाम से हुड़दंग मचाकर परेशां करने का। चूँकि लोकसभा चुनाव का बिगुल अब बजने ही वाला है...