यदि आप रेलवे में कैटरिंग का सामान खरीद रहे है तो जरूर पड़े इस ब्लॉग को क्या पता शायद आपको भी कोर्ट का रुख करना पड जाये... ...
व्यवस्था सुधारने के लिए करे कितने जतन लेकिन वो भी पड गए कम ,
एक बार अपनों से पूछ लिया होता तो न परेशां आप होते न हम..
यही किस्सा इंडियन रेलवे पर लागु होता है ..अभी भी 35 Rs का मामला कोर्ट में लेकर गया ,बात यहाँ 35रुपये की नहीं रेलवे की उदासीनता एवं यात्रियों के साथ किये जा रहे धोखे की है की किस तरह से यात्री के विश्वास को तोडा जाता है ...
उसी का अगला उदारहरण है जो इस ब्लॉग में आपसे कहने जा रहा हु ....
यदिआप रेलवे में कैटरिंग का सामान खरीद रहे है तो जरूर पड़े इस ब्लॉग को क्या पता शायद आप भी कोर्ट की तरफ रुख कर सके ....
My previous blog link regarding this issue dated 12.12.2017
लेकिन कुछ दिनों बाद भी रेलवे में 5% GST को नहीं लागु किया गया तब मेने 16,17 नवंबर रेलवे , रेवेन्यू(RJ00005743) डिपार्टमेंट, पीएमओ पोर्टल(PMOPG/E/2017/0596882) के माध्यम से आपसे अनुरोध किया और आपको आगाह किया की जब होटल
इत्यादि में खाने पिने की चीजों पर GST 05% हो गया तो रेलवे को इस से अछूता क्यों रखा ? क्या वहां पर खाने पिने वाली चीजों पर गस्त 5% नहीं होना चाहिए? तब थोड़े दिन बाद रेलवे ने रेलवे के कमर्शियल सर्कुलर नम्बर 79, दिनांक 01 दिसंबर 2017 के अनुसार रेलवे की STATIC UNIT में 5% किया गया किन्तु मोबाइल यूनिट में 18% GST ही रखा गया ...एक तरफ में आपके लिए धन्यवाद था की मेहना रंग लायी किन्तु मोबाइल कैटरिंग में लग रहे 18 % से अभी भी जनता को ठगा जा रहा था ,उसके बाद 23 दिसंबर 2017 को अरुण जेटली जी
एवं अन्य को लेटर लिखनेके बाद अरुण जेटली जी के हस्तक्षेप से रेलवे ने जस्ट अभी 09 अप्रैल को ही मोबाइल कैटरिंग में भी 05%GST लागु किया जो की 16 अप्रैल से असरदायक है ...किन्तु अभी भी राजधानी जैसी ट्रेनों में 18% GST ही लग रहा है
इसका उदाहरण में आपको देता हु -
मेरे 24 ओक्टुबर के ट्रैन टिकट जो की कोटा से दिल्ली के लिए राजधानी ट्रैन नंबर 12431 में 3rd AC का था, कैटरिंग चार्जेज 18%GST के साथ 135 रुपये था , जबकि अभी दिनांक 11 मई 2018 के लिए उसी ट्रैन में कोटा से दिल्ली के लिए उसी कोच में 3rd AC का टिकट करवाने पर भी 135 रुपये ही कैटरिंग चार्जेज लग रहे है जबकि यह नए सर्कुलर नंबर 21, 2018 के अनुसार 120 रुपये होना चाहिए ...
रेलवे ने अभी भी 15 रुपये मुझसे ज़्यदा लिए और सिर्फ में ही नहीं न जाने कितने लाखो लोग इसे है जिनसे यह नियम के खिलाफ रुपये लिया जा रहा है ..
क्या आप इसको सुधरोगे या पुनः: में कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा?
मेरी रूचि सनसनी फैलाने में नहीं आपको जगाने में है, सिस्टम की बुराई करना नहीं सिस्टम को सुधारने में है
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