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"केडीएल भगाओ,कोटा बचाओ "आंदोलन को मिल रहा अपार जन सहयोग...

हमतो भर लेंगे तिजोरी तुमको लूटकर, बोलो बचकर कैसे दिखाओगे ...
सुनने वाला तुम्हारी यहाँ कोई नहीं, तुम चाह कर भी कुछ न कर पाओगे ..
मौन है यहाँ सारे आका तुम्हारे, तुम किससे अर्जी लगवाओगे ...
खरीद लिया तुम्हारा सुख "उनसे", तुम बस मजबूर बनके,आंसू ही बहा पाओगे ..
स्मार्ट मीटर से आम इंसान की जेब पर झटके देने वाली कंपनी की और से ये लाइन कोटा की जनता पर सटीक बैठती है I     
शैक्षणिक नगरी में जहा लाखो विद्यार्थी पुरे देश से हर साल शिक्षा के लिए आते है,उनको अब स्मार्ट मीटर की वजह से ज्यादा किराया देना पड़ रहा है, हजारो युवाओ के रोजगार पर इस स्मार्ट मीटर का असर इतना पड़ा की उनके घर के राशन प् इसका सीधा असर देखने को मिला, चाहे गरीब हो या अमीर, सबकी जेबो पर डाका डाल रहा है यह स्मार्ट मीटर ...
लेकिन कोटा के ही एक समाजसेवी एवं राजस्थान नव निर्माण संघठन के अध्यक्ष हिम्मत सिंह हाडा कोटा के दर्द को समझते हुए इस निजी तानाशाही कंपनी को कोटा से हटाने के लिए आंदोलन छेड़ा है, जिसे कोटा की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है , हिम्मत सिंह हाडा ने चेतनावणी भी दी है यदि यह कंपनी को सरकार  द्वारा नहीं भगाया जाता तो इस आंदोलन को पुरे हाड़ोती तक पहुंचाया जायेगा



हिम्मत सिंह ने बताया की "राजस्थान सरकार ने बिजली वितरण को सुधारने के लिए, कुछ समय पहले वितरण की कमान कलकत्ता की निजी कपंनी ....को सौंप दी, जिसने आने के कुछ समय बाद ही तानाशाही रवैये से सरकार के द्वारा  लगाए हुए पुराने डिजिटल मीटर को बदल कर नए स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जोर शोर से किया, कंपनी ने इसके लिए तमाम खुबिया इसकी जा बता डाली,जबकि आम इंसान के अनुसार इस स्मार्ट मीटर के नाम पर कंपनी आम उपभोक्ता को लूटने का कार्य कर रही है, स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली बिल में बेतहाशा वृद्धि हुई है, एक 70 साल के बुजुर्ग का कहना है की उनके पहले दो महीने का  बिल 1000-2000 रुपये आता था लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद यही बिल 3000-4000 रुपये  का आने लगा, यही परेशानी आजकल हर एक घर की है ,इसलिए जहाँ-जहाँ भी निजी कंपनी के कर्मचारी मीटर स्मार्ट मीटर लगाने जाते है ,लोग इसका पुरजोर विरोध करते है लेकिन कंपनी तानाशाही रवैये और बदतमीजी करके जबरदस्ती उनके घर में मीटर लगा जाते है"
हिम्मत सिंह ने सरकार से तीखे शब्दों में पूछा की ,यदि कंपनी का कार्य अच्छा है तो झालावाड़ ,धौलपुर में इसको क्यों नहीं लाया गया ,कोटा जहाँ बिजली चोरी सबसे कम है वही पर इसको लगाकर ,कोटा की जनता के साथ धोखा क्यों किया? हिम्मत सिंह के अनुसार जल्द ही जल सत्याग्रह ,मानव शृंखला ,मुंडन आदि के द्वारा आम जन की आवाज बहरी एवं अंधी सरकार तक पहुचायी जाएगी।

हजारो पोस्ट कार्ड एवं हस्ताक्षर के माध्यम से मिल रहा भरपूर कोटा का समर्थन...

कोटा के लोगो की दुखती नब्ज को जहाँ कोई जिम्मेदार नहीं समझ पाया या सब जानकर भी अनजान बन गया, वही इस आंदोलन की कोटा के हर गली मोहल्ले में सराहना हो रही है एवं आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है , चाहे लोग किसी भी पार्टी के हो इस मुहीम में सब रंगे हुए नजर आ रहे है, हजारो पोस्ट कार्ड ,फोन, ईमेल, सोशल मीडिया में अभी यह आंदोलन चर्चा का विषय बना हुआ है..सब लोग बढ़चढ़कर इस स्मार्ट मीटर और कंपनी के तानाशाही रवैये से परेशां है यह आंदोलन एक डूबता को तिनके का सहारा साबित हो रहा है।

पांच से ज्यादा कमरे तो लगेगा व्यावसायिक शुल्क?? ...

कोटा में यह आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है की "निजी कंपनी की एक और तानाशाही सामने आयी है जिसने जले पर नमक छिड़कने का कार्य किया है और इस पर भी जन प्रतिनिधि का मौन इसमें उनकी हाँ दर्शाता है , निजी कंपनी ने नया फरमान दिया है की अब से यदि किसी के घर में पांच से ज्यादा कमरे है तो उनको घरेलु की दर से नहीं व्यावसायिक दर से बिजली का बिल भेजा जायेगा " यदि यह सच है तो कोटा की लाखो जनता के साथ यह बहुत ही बड़ा धोखा साबित होगा, यह आम आदमी की कमर तोड़ देगा ,जिनके परिवार में कमाने वाला एक है और परिवार बड़ा है, उनके लिए किसी श्राप से कम साबित नहीं होगा ।

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