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भ्रष्टाचार से लड़ा कोटा का युवा, आठ महीनो से नहीं सुन रही सरकार

मेरा देश बदल रहा है...भ्रष्ट की जाँच भ्रष्ट कर रहा है 
जो हुक्म मेरे आका करने वाला मौज कर रहा है और
देश सेवा की प्रतिज्ञा करने वाला रो रहा है....
देखो देखो मेरा देश बदल रहा है ..
मंत्री मंत्रालय छोड़ चुनाव में खो रहा है, अधिकारी बंद कमरे में A.C. चला कर सो रहा है 
सत्य की राह पर चलने वाला घबरा रहा है, चिराग तले अंधेरा हो रहा है
देश की हालत देख भगत सिंह ,सुखदेव, राजगुरु खुद शहादत पर मायूस हो रहा है 
देखो देखो मेरा देश ..देखो देखो मेरा भारत बदल रहा है ..
देखो देखो मेरा देश ..देखो देखो मेरा भारत बदल रहा है ..
यह पंक्तिया आज के इस आज़ाद भारत पर सटीक बैठती है जहाँ बिना पैसे के न्याय नहीं मिलता, वहां गलत के खिलाफ आवाज बुलुंद करने पर क्या हश्र होगा आप सोच सकते हो ...

जावड़ेकर साहब राजस्थान के चुनाव प्रभारी ...आप चुनाव छोड़ कर मंत्रालय को सम्भालो और नहीं तो मंत्रालय छोड़ बीजेपी की कोर समिति में ही रहो आपके राज में आई आई टी जैसे संस्थानों में घोटलो की भरमार है...     

 (Wrote by someone other ,I am just pasting )  

कोटा राजस्थान के तीस साल के युवा सुजीत स्वामी को नवंबर 2016 में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक जिसमे देश के लाखो बच्चे एडमिशन के सपने देखते है, और दो-दो साल तक कठिन परिश्रम करते है, भारतीय प्रोधोयोगिकी संस्थान (आई आई टी), मंडी  हिमाचल प्रदेश में सेवा देने का अवसर प्राप्त हुआ, सुजीत वहां कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है ।
 भारतीय मानवाधिकार सम्मान -2017 के उपाधि से सम्मानित सुजीत सरकारी सेवाओं के साथ साथ सामाजिक कार्यो में भी रूचि रखते है,जिस वजह से आई आई टी में वो सामाजिक कार्यक्रत के रूप में भी जाने जाने लगे और इसी वजह से आई आई टी में पहले से कार्यरत कर्मचारिय चाहे प्रोफेसर हो या स्टाफ, सब आई आई टी में हो रही अनियमितता के बारे में बताने लगे, सुजीत ने आई आई टी में हो रही अनियमितता के बारे में अपने मित्रो के सहयोग से सुचना के अधिकार के तहत जानकारी जुटानी शुरू की, जब सुजीत को जानकारियॉ मिलने लगी तो वो चौकाने वाली थी जैसे के स्टाफ के चयन में अनियमितता,आउट सोर्स कर्मियों का शोषण, सैलरी बढ़ाने में भेदभाव, टेंडरिंग में भारी अनियमितता, भाई भतीजावाद को बढ़ावा देना आदि थी। 
सुजीत के परिवार को जैसे ही पता चला की आई आई टी प्रभंधन के खिलाफ यह शिकायत करने वाला है, तो परिवार ने स्पष्ट रूप से इस को करने के लिए मन कर दिया, एक तरफ पारिवारिक विरोध दूसरी तरफ सनातन में घोटाले इन सबमे सुजीत मानसिक तनाव में चला गया  लेकिन इसके बाद सुजीत ने भारी पारिवारिक विरोध के बावजूद इस लड़ाई को लड़ने की ठानी और  इन सबको इक्क्ठा कर प्रधानमंत्री पोर्टल से शिकायत दर्ज करके सरकार को सूचित किया और बताया की इन सब अनियमितता की उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाये, किन्तु प्रधानमंत्री पोर्टल से शिकायत को जाँच के लिए आई आई टी  मंडी प्रभंधन को भेज दी गयी, सरकार के इस रवैये से सुजीत स्तभ्ध हो गया, सुजीत ने 21 मई 2018

21.05.2018 press meeting IIT Mandi Corruption   21.05.2018 press meeting  

को मंडी जिले में प्रेस मीटिंग बुला कर सबके सामने सबूत पेश किये और सरकार से उच्च स्तरीय जाँच की मांग की। उसके बाद जैसे हिमाचल में जैसे भूचाल आ गया और हिमाचल के सभी चर्चित अखबारों की सुर्खिया बटोरी ।
उसके बाद मंडी जिले के सांसद ने भी मीडिया के सामने सुजीत की मांग को जायज बताया और लोकसभा में उठाने की बात की, 30 मई को राज्य के मुख्यमंत्री तक ने मीडिया में इसमें उच्च स्तरीय जाँच शीघ्र करवाने और दोषियों को सजा दिलवाने की बात की

(jai ram thakur on iit ।CM Jai Ram on IIT Mandi Corruption 

किन्तु जुलाई तक सिर्फ अख़बार की सुर्खियों के अल्वा कोई जाँच नहीं बैठी फलस्वरूप आई आई टी प्रबंधन के हौसले बुलुंद हो गए और उन्होंने सुजीत को ही शो-केस नोटिस थमा दिया।
सुजीत ने 03 जुलाई को मंडी जिले के सार्वजानिक मंच से अपना विरोध स्वरुप मुंडन करवाकर

 SUJEET swami mundan 

सरकार से पुनः आग्रह किया की इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाए और मुख्यमंत्त्री से मुलाकात कर सरे सबूत उनको सौंपे, उसी समय मुख्यम्नत्री ने सांसद को सबूत देते हुए इस पर कारवाही करने की बात की । सांसद ने 30 जुलाई 2018 को इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया जिस पर मिनिस्ट्री ने पुनः: आई आई टी से ही जवाब तालाब किया जिसमे आई आई टी ने बिना किसी जाँच के सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया । परिणामस्वरूप सांसद राम स्वरुप शर्मा ने 09 अगस्त को जन महत्वपूर्ण मुद्दे में पुनः  इसको उठा कर जाँच की मांग की ।

Sansad raise in loksabhaBJP MP to media on 11.08.2018 , Sh Javadekar Assured me for investigation


लेकिन आज तक किसी जाँच एजेंसी ने अभी तक क्या किया किसी को नहीं पता ।
सुजीत अब तक कई दफा पीएमओ पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा चुके है लेकिन हर बार शिकायत आई आई टी के पास पहुँच जाती है और कारवाही कुछ नहीं होती 

केंद्रीय सतर्कता आयोग, राष्टीय मानवाधिकार आयोग, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट 

सब जगह सुजीत ने शिकायत दर्ज कराई लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ,सभी जगह से निराशा ही हाथ लगी    ।
सत्ता धारी पार्टी से लेकर विपक्ष तक सुजीत ने कई चक्कर काटे, अन्य पार्टियों को पत्र लिखे लेकिन कही से सुजीत कोई मदद नहीं मिली ।और इन्ही सब बातो के बीच आई आई टी के अधिकारियो के हौसले बुलुंद होते गए उन्होंने सुजीत को ही चार्जशीट कर दिया।
सुजीत के परिवार से लेकर दोस्त लोग कोई इस लड़ाई में सुजीत के साथ नहीं, सुजीत का कहना है की सरकार के इन्ही रवैया से देखकर लोग भर्ष्टाचार के खिलाफ नहीं बोलते चुपचाप जो हो रहा है होने देते है या फर उसके भागी बन जाते है ,जो भी इसके खिलाफ बोलता ही उसी को भुगतना पड़ता है ।
सुजीत अकेले ने मुख्यमंत्री से लेकर लोकसभा तक बात पहुंचा दी लेकिन यदि अब भी कोई कारवाही नहीं होती है तो न्याय के लिए आम इंसान कहा जाये ? कोर्ट जाने के लिए वकील की फीस, आने जाने का खर्चा,मानसिक उत्पीड़न, सत्य की राह इस देश में इतनी कठिन है इसिलए लोग इस राह पर चलना मुलसीब नहीं समझते।
सुजीत सरकार के रवैये, परिवार के विरोध और आई आई टी के उत्पीड़न से तनाव में है , सुजीत जो की 30 साल का युवा है जिसने मात्रा एक साल की सरकारी नौकरी में होते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और हर तरह से संभव प्रयास किये लेकिन आज वो खुद इस इंतजार में है की शायद सरकार उनकी अब सुनेगी 

10-10 लाख में बिक रही आई आई टी में नौकरी?



आई आई टी से  एक कर्मचारी का पत्र ने पत्र भेजकर सुजीत की हिम्मत को सलाम किया लेकिन कही चौकाने वाले खुलासे भी किये,जिसमे बताया गया की अधिकारियो सुजीत को फ़साने के लिए हर तरह की संभव प्रयास कर रहे है, फर्जी कागजो के साथ साथ कई झूठे आरोप लगाकर सुजीत को परेशां करने की साजिश कैंपस के अंदर रची जा रही है इसी  के साथ अज्ञात कर्मचारी ने सुजीत की जान से हाथ धोना पड़ सकता है ऐसा भी बताया, अधिकारियो में जो पहले भय का माहौल था, सरकार के शुन्य रवैये से वो अब उनके ऊपर पूरी तरह से हावी है और कुछ भी करवा सकते है 


Comments

  1. सम्मानित साथियों,
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    बंदर चढ़ा है पेड़ पे करता तिली लिली
    कि ये ले गुल बकावली कि ले ले गुल बकावली
    आते रहे जाते रहे इस देश में चुनाव
    नेता बनेती घूमते घर-घर और गांव-गांव
    ये कुछ भी कहें मुंह से निकले इनके कांव-कांव
    कौओं ने सुना जबसे वो नेताओ से हैं खफा
    नेता की आंख फोड़ेंगे गर उनकी जो चली
    बंदर चढ़ा है पेड़ पे करता तिली लिली
    कि ये ले गुल बकावली कि ले ले गुल बकावली
    दिनेश कुमार शुक्ल
    द्वारां - राजेश कुमार

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