सविधान को चिढ़ाते आई आई टी मंडी में फिर से नियम विरुद्ध हुआ कार्य, ईमानदार ऑफिसर के तबादला, रजिस्ट्रार की पत्नी को अंदर लेने की तैयारी...
देश के जाने माने शिक्षण संस्थान में तानाशाही चरम पर है, होगी भी क्यों नहीं जहां सरकार का कोई अस्तित्व नहीं वहां सही गलत का फैसला करेगा कौन। राज्य सरकार ने तो पडोसी के बच्चे की तरह आई आई टी के घोटाले पर आंख मूंद ली और केंद्र सरकार के मंत्रालय में साठ-गाठ करके आई आई टी मंडी में मनमर्जी की दुकान सविंधान को मुँह चिड़ा रही है । में भी चौकीदार बोलने वाले चुनाव में खूब वोट पाकर अब मस्त हो चुके है वही न्याय दिलाने का नाम लेने वाले तो जाने कहा बिल में छुप गए । देश का सिस्टम बुरी तरह सड़ चूका है, यहाँ भ्र्ष्टाचार के खिलाफ कारवाही होते देखना मुंगेरी लाल के हसीं सपने जैसा है। यहाँ तक की लाखो रुपये का गबन का आरोप तो CAG भी लगा चुकी है फिर भी क्या, सरकार को क्या मतलब ? ये कोई राजनीति दुश्मनी थोड़े न है जो जाँच करवाए , सीबीआई, ED , पुलिस सब या तो राजनैतिक दुश्मनी के लिए है या फिर गरीब को परशान करने के लये। पड़े लिखे लुटेरों के खिलाफ कोई कारवाही नहीं होगी ऐसी शपथ शायद विभाग के अधिकारी लेकर आते है। इतनी शिकायते लिखने के बावजूद अब तो मेरे लैपटॉप ने मुझसे बात करना बंद कर दिया, उसका कहना है की मे...