मन के कुछ विचार ...
मरने पर पैसा भले ही साथ न जाये लेकिन यह सत्य है अंतिम साँस तक सिर्फ वो है जो आपको जिन्दा रख सकता है ।
"धन के पीछे मत भागो" कहने वाले लोग खुद भाषण देने से पहले अपनी मोटी फीस बता देते है
"धन से कुछ नहीं होता, असली दौलत सिर्फ परिवार है" यह लाइन सुनने और पढ़ने में ही अच्छी लगती है, महंगी साडी, बच्चो की स्कूल फीस और उनके शोक पुरे न हो तो वो ही परिवार आपको खाने दौड़ता है
धन ही सब कुछ नहीं है, लेकिन धन है तो बहुत कुछ है और धन ही नहीं तो कुछ भी नहीं
कुनबे और खानदान में सम्मान उसे मिलता है,जिसका समय अच्छा होता है
जिसके पास दिखाने के नोट होते है, उसके सारे खोट नोट के पीछे छिपे होते है
वजन इंसान का नहीं, उसके अकाउंट में पड़े धन का होता है
सत्य वही कहलाता है जो वजन वाला इंसान कहता है
बात उसी की सुनी जाती है, जो धनबल से सक्षम होता है
आपकी बात में दम तब होगा, जब आपका पर्स दुसरो की अपेक्षा ज्यादा भारी होगा
सत्य वो नहीं जो सत्य है, अब सत्य वो है जिसके साथ बंद आँखों वाली भीड़ साथ है
जीत भले सत्य की सब दुःख झेलने के बाद हो, लेकिन झूठ तब तक सब कुछ लूट चूका होता है
खुश रहने के लिए सत्य के मार्ग पर नहीं हवा के साथ रुख कर लेना चाहिए
ज्यादा मीठा नुकसानदायक है लेकिन लोग परहेज नीम से करते है
यह अंधे, गूंगे पहरे का जमाना है, इस समय में खुश रहने का एक ही तरीका है, आंख कान और मुँह बस खुद की जरुरत पड़ने पर ही काम में लो
किसी का परेशानी दूर करने के लिए उसको सलाह देकर उसके हाल पर छोड़ दो, ज्यादा सलाह या साथ आपके लिए परेशानी ला सकता है
दुसरो के हक़ के लिए उतना ही लड़ो जब तक दुसरो का साथ आपको मिलता रहे
सुजीत स्वामी
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Agar aisa hota to ek chai wala PM kaise ban jata
ReplyDeleteunko chai yo bechnai padi , dilli tak ka safar kese tay hua ...aap yah bog kese pad rahe hai reply kese kar rahe hai? kya dhan ke bina sambhav hai?
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