कैंटीन का मामला पहुंच सकता है कोर्ट, सुनिए कैंटीन संचालक एवं कथित विद्यार्थी के मध्य सेटलमेंट की बातचीत
आई आई टी मंडी के विद्यार्थी किस तरह से शिक्षा ग्रहण करके देश का नाम रोशन करेंगे उसके लिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए सिर्फ यह ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश कर रहा हु , आप खुद सुनिए और विचार कीजिये की क्या पनप रहा है आई आई टी मंडी में. आपने मेरा पिछला ब्लॉग जो आई आई टी मंडी के बारे में था तो पढ़ा ही होगा जिसका शीर्षक "जब पेड़ ख़राब हो तो फल कैसे मीठा होये, अब IIT Mandi के छात्र ..... " था। उस में आपको पूरा ज्ञान मिल जायेगा इस ब्लॉग के बारे में---
किस तरह से भ्रष्टाचार की फसल तैयार हो रही है भ्रष्टाचार के दिग्गजों के द्वारा, और क्या भविष्य होगा इन विद्यार्थियों का। यह वार्तालाप कई सवाल खड़े करता है जो कथित विद्यार्थी इस अजय ठाकुर से बात कर रहा है उसका नाम शुभम शाह बताया जा रहा है जो की हॉस्टल सेक्रेटरी भी है. यह विद्यार्थी अभियांत्रिकी के प्रोग्राम में अध्यन कर रहा है लेकिन शिक्षा "सेटलमेंट" करने की ले रहा है. हालाँकि सेटलमेंट करना कोई बुरी बात नहीं है जब सरकार इतनी फीस लेगी तो विद्यार्थी कही न कही से तो हाथ मारेंगे ही और वैसे भी आई आई टी मंडी के भ्र्ष्टाचार के किस्से तो जैसे अलीगढ़ का ताला प्रसिद्ध है वैसे हि ख्याति प्राप्त है।
अब इस विद्यार्थी की रिकॉर्डिंग सुनने के बाद आपको यह तो पता चल ही गया होगा की आवाज किस की है , क्या अजय ठाकुर ने जो आरोप लगाया वो सही है या गलत ? और तो और अजय ठाकुर का तो कहना है उसके पास इससे भी बढ़ी धमाकेदार रिकॉर्डिंग है जिसे सही समय आने पर उजागर करेगा।
इन्ही सब बातो में अजय ठाकुर को जनवरी माह में एक पत्र प्राप्त होता है की आपको कैंटीन 3 फरवरी से पहले खली करनी होगी और इस पत्र पर हस्ताक्षर है डॉ अमित जेसवाल के, जो की बहुत ही सज्जन एवं अच्छे इंसान है, उनके बारे में यही कहना चाहूंगा की सर आप बहुत अच्छे है और इन सब झमेलों में मत पड़ा करे।
खेर अब बात करे पत्र की , मुझे अच्छे से पता है अमित सर यह पत्र सिर्फ हस्ताक्षर किया है लिखा नहीं है , इस पत्र में लिखा है की आपका कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट 2 नवंबर 2018 जो नार्थ कैंपस में कैंटीन 01.09.2018 से 31.07.2019 तक चलाने के लिए है ,आपका कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म हो गया लेकिन आप अभी तक कैंटीन चला रहे हो. अब हमको आपकी कैंटीन सेवा की आश्यकता नहीं है अत: आप कैंटीन को 3 फरवरी तक खाली कर दे। अब इस पत्र को लिखने वाले को 100 तोपों की सलामी देनी चाहिए क्योकि लिखित में आपने यह मान लिया की 31 जुलाई को कॉन्ट्रैक्ट एन्ड होने के बावजूद भी कैंटीन 3 फरवरी तक चलने की अनुमति है जबकि कैंटीन संचालक के लीगल नोटिस के जवाब में आई आई टी ने बताया की कैंटीन संचालक को तो लिखित या मौखिक रूप से अप्रूवल दिया ही नहीं। एक तरफ आप बोल रहा है अप्रूवल दिया नहीं दूसरी तरफ कैंटीन संचालक से रेंट वसूल कर 3 फ़रवरी तक कैंटीन चलाने के लिए कह रहे हो ?
इससे बड़ी मूर्खता मेने नहीं देखि , समझ नहीं आता आपको यह ज्ञान देता कौन है ? कौन है आई आई टी मंडी को इस तरह का ज्ञान बाँटने वाला ? ( अमित सर के लिए यह एक भी लाइन नहीं है )
खेर छोड़िये , अजय ठाकुर अब जल्द ही कोर्ट में जाकर इस सेटलमेंट कराने वाले विद्यार्थी एवं आई आई टी के खिलाफ परिवाद दायर करेगा अब देखना है की क्या परिणाम निकल कर सामने आता है, खेर मेरी पूरी सिम्पथी है विद्यार्थी के साथ। यदि वो चाहे तो निःसंकचोक अपनी बात मुझ तक पंहुचा सकता है. में जो भी संभव होगी मदद करूँगा।
लेकिन आई आई टी को भ्र्ष्टाचार में गोते खाते देख बड़ा दुःख होता है। कब सरकार की कुम्भकर्ण नींद खुलेगी।उम्मीद है जल्द सूरज उगेगा
Comments
Post a Comment