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मुख्य चयन कर्ता को प्रोग्राम में बुलाया, कहीं Director के चयन को प्रभावित करने की साजिश तो नहीं - IIT Ropar

हमे आदत है जी हुजूरी की क्योकि विश्वास नहीं खुद की काबिलियत पर, 
करने दो चापलूसी थोड़ी मुझे भी, टुकड़ा जो बड़ा पाना है...  

यह लाइन सटीक बैठती है रोपड़ पर, जहाँ अभी बीते रविवार, 09.02.2020 को एक प्रोग्राम  "ADVITYA 2020" के नाम पर डॉ राधाकृष्णनन,चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल(Chairmen, SCIC)  को बुलाया गया क्योकि वो निर्देशक आई आई टी रोपड़ के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जो की आने वाले महीनो में या इसी महीने भी आयोजित किया जा सकता है । कहा जा रहा है, वर्त्तमान निर्देशक महोदय ने आई आई टी रोपड़ का निर्देशक दुबारा बनने के लिए आवेदन किया है और उनका टेन्योर .जून 2020 को खत्म हो रहा है. मंत्रालय ने आई आई टी रोपड़ निर्देशक पद के लिए आवेदन मांगे थे जिसमे कई उम्मीदवारों ने आवेदन किया और अपने उज्जवल भविष्य के लिए एक उम्मीद जताई. आवेदन करने की लास्ट डेट 15 जनवरी 2020 के आस पास थी. उन सभी आवेदनकर्ता को उम्मीद एवं आशा है की इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वाले पद पर चयन पूरी तरह निष्पक्ष एवं फेयर होगा लेकिन निर्देशक आई आई टी रोपड़ का इस तरह चयन समीति के महत्वपूर्ण पद पर आसीन सदस्य को इस समय बुलाना , बुला कर फाइव स्टार होटल(होटल ललित, चंडीगढ़) में ठहराना,उनको वहां पार्टी देना,उनके सामने खुद प्रेजेंटेशन रखना कई गंभीर सवाल तो खड़े करता है साथ ही उनकी नियत में खोट को भी जाहिर करता है। उनकी यह कोशिश चयन को प्रभावित करने के लिए कही जाये तो कोई संकोच नहीं होगा ।
 डॉ राधाकृष्णनन, स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल के चैयरमेन (Chairmen, SCIC) है जो आई आई टी  के निर्देशक पद के चयन में महत्वपूर्ण रोल अदा करते है . Chairmen, SCIC खुद उस पैनल का हिस्सा तो होते ही है जो आई आई टी निर्देशक का चयन करते है उसके अलावा दो ओर मेंबर को नॉमिनेट भी करते है.  चयन समिति में कुल छ: लोग होते है वो निम्न है
1. HRD मंत्री- समिति चैयरमेन 
2. दो मेंबर जो Chairmen, SCIC के द्वारा बनाये हुए पैनल में से से लिए जाते है 
3. चैयरमेन बोर्ड ऑफ़ गवर्नर इंस्टिट्यूट
4. चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल (Chairmen, SCIC)
5. सेक्रेटरी (उच्च शिक्षा), MHRD 
6. जॉइंट सेक्रेटरी आई आई टी इंचार्ज/ अतिरिक्त सेक्रेटरी( नॉन मेंबर)

अब बात की जाये तो 6 लोगो की चयन समिति में से चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल (Chairmen, SCIC) की ओर से खुद को मिलाकर तीन लोग हो गए, आई आई टी रोपड़ का बोर्ड ऑफ़ गवर्नर के चैयरमेन का पद खाली पड़ा है( किसी कर्मचारी के द्वारा बताया गया) अथार्थ 6 में से चार लोग तय, बाकि बचे दो लोग, तो इनमे से HRD मंत्री साहब तो ऑटोनोमी के मेटर में जो भी निर्णय समिति के अधिकतर सदस्यों के द्वारा होगा उस पर सहमति जता देंगे, उनको तो खेल क्या है पता ही नहीं चलेगा। कुलमिलाकर यदि चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल को कॉन्फिडेंस में ले लिया तो दुबारा चयन तय है, इसी बात को वर्तमान निर्देशक आई आई टी रोपड़ भांप चुके है ओर कहा जा रहा है यह विजिट इसी लिए करवाई गयी । लेकिन क्या उनको फाइव स्टार होटल में रुकवाना एवं पार्टी देना सही है ? क्या आई आई टी रोपड़ का गेस्ट हाउस इतना बुरा है ? क्या फाइव स्टार होटल से कम में ठहरने से डॉ साहब मना कर देते ? हालाँकि 29 अक्टूबर 2014 को वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने एक मेमोरेंडम निकाला था जिसका विषय था" एक्सपेंडिचर मैनेजमेंट-इकॉनमी मेजर एंड रेशनलाइजेशन ऑफ़ एक्सपेंडिचर". जिसमे बताया गया की मीटिंग, कांफ्रेंस को फाइव स्टार होटल में आयोजित करना बैन है जब तक की मीटिंग में कोई मिनिस्टर इंचार्ज किसी विदेशी गोवेर्मेंट के साथ शामिल न हो।
 तो निर्देशक के द्वारा, चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल को खुश करने के लिए, भारत सरकार के द्वारा निकाले गए मेमोरेंडम की भी अवेलहना की गयी ? ओर तो ओर कहा जा रहा है निर्देशक महोदय ने तो एक प्रेजेंटेशन भी डॉ साहब के सामने दी. उनका इस तरीके से प्रेजेंटेशन देना जिसके माध्यम से खुद की उपलब्धिया बताना यह दर्शाता है की  चयन के पहले ही इन्होने चयन के मुख्य सदस्य के सामने अपना पक्ष रख दिया जबकि जिन अन्य लोगो ने आवेदन किया है उनको तो इसकी भनक तक नहीं होगी दूसरे शब्दों में कहा जाये तो चयन समिति के मुख्य सदस्य जब चयन करने बैठेंगे तो अन्य लोग उनके सामने बिलकुल नए होंगे लेकिन मौजूदा निर्देशक की एक इमेज पहले से होगी जो कही न कहि चयन को पुरे तरीके से प्रभावित करेगी अत: अब बाकि के जो आवेदन कर्ता है वो ठगे जा रहे है ऐसा कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा। उन सबके पास सिर्फ एक मौका होगा जबकि मौजूदा निर्देशक के पास दो जिनमे से एक वो रविवार को उपयोग में ले चुके है अब इसमें और उपलब्धिया जोड़ना बाकी है बस वो चयन के समय जोड़ दी जाएगी । इस तरह से प्रेजेंटेशन देना एवं अपनी उपलब्धिया गिनवाना क्या ये दूसरे सभी कैंडिडेट के साथ धोखा नहीं है, जो फेयर & इक्वल चांस (Fair & Equal opportunity) कीउम्मीद लगाए बैठे है ? ?

तो अब सबसे बड़ा सवाल है की क्या इस तरह चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल को बुलाना वो भी उस समय जब आई आई टी रोपड़ के निर्देशक के पद पर चयन होने वाला हो एवं बुलाने वाले व्यक्ति ने खुद ने भी आवेदन कर रखा हो, चयन को प्रभावित करने की सोची समझी साजिश तो नहीं ? और क्या इस तरह से चैयरमेन स्टैंडिंग कमिटी आई आई टी कौंसिल को बुलाना और उनका भी आना क्या अन्य आवेदन कर्ता जो ईमानदारी से इस चयन प्रक्रिया के ऊपर आंखे जमाये बैठे है के साथ धोखा नहीं? कब यह गलत प्रैक्टिस बंद होगी ? अब यदि इन्ही महोदय का चयन हो जाता है तो लाजमी है सवाल तो प्रक्रिया के ऊपर उठेंगे ही साथ ही सिस्टम के ऊपर भी जो दाग लगेगा वो धूल नहीं पायेगा  ।

Comments

  1. IIT Ropar has also approached Dr. K Radhakrishan a few years back for sharing his valuable experience but he was not able to come to IIT Ropar at that time because of health issues.

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