फिजूल खर्चा: देश की अर्थव्यवस्था लुढ़क रही है लेकिन IIT रोपड़ के निर्देशक ने इंटीरियर एवं कार में ही उड़ा दिए रु 80 लाख से ज्यादा
"मेरे पास गाड़ी है बंगला है पैसा है तेरे पास क्या है"? यह डायलॉग सुना होगा, नहीं भी सुना तो दुबारा सुन लो क्योकि यह डायलॉग सुहाग मूवी के बाद आई आई टी रोपड़ के निर्देशक महोदय यदि अपने भाई से बोले तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा। उनके पास महंगी गाड़ी, शानदार बंगला और उसमे एक से बढ़कर एक ब्रांडेड आइटम है ।सुचना के अधिकार के तहत मेरे ऑफिस स्टाफ मेंबर अमित शर्मा को मिली जानकारी से पता चला है की आई आई टी रोपड़ के निर्देशक महोदय ने कार पर, निवास के इंटीरियर पर, इलेक्टॉनिक आइटम्स पर 80 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करके दर्शा दिया की देश की इकॉनमी भले ही हो खोज में, लेकिन हम तो रहेंगे फूल मौज में।
एक तरफ जहां भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट रेट निचे से नए रिकॉर्ड बना रही है, देश में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है यहाँ तक की देश में राज करने वाले सांसद महोदय तक अपने निजी खर्चो में कटौती कर रहे है, देश बुरे दौर से गुजर रहा है वही आई आई टी रोपड़ के निर्देशक महोदय बेफिक्र होकर फूल ऐश मार रहे है, मस्त मोला डायरेक्टर आई आई टी रोपड़ जब अपनी 25 लाख की स्कोडा में निकलते है तो उनकी शान किसी किंग से कम नहीं होती , होगी भी क्यों, आखिर देश के 23 राष्ट्रीय संस्थानों में से एक संसथान के निर्देशक की पोस्ट पर जो काबिज है, आखिर बड़ी मुश्किल से यह पोस्ट मिलती है तो शान में कोई कमी ही रहने चाहिए , जब पास में से गाड़ी निकले तो दूर से ही लोग समझ जाये महामहिम निर्दशक महोदय पधार रहे है उनके स्वागत/सम्मान में शीश झुक जाने चाहिए, अगर ऐसी फीलिंग ही नहीं आये तो निर्देशक बनने का क्या फायदा ? शायद यह सोच कर निर्देशक महोदय ने 25 लाख की स्कोडा गाड़ी खरीदी वो भी सरकारी धन से। गाड़ी तो झक्कास ले ही ली अब बात करे निर्देशक साहब के घर की जो किसी राजा साहब के महल से कम नहीं लगता, उसमे भी कोई कमी नहीं होनी चाहिए ऐशो आराम में फिर वो ही लाइन.. (आखिर देश के 23 राष्ट्रीय संस्थानों में से एक संस्थान के निर्देशक की पोस्ट पर जो काबिज है और बड़ी मुश्किल से यह पोस्ट मिलती है) । हालाँकि एक बार कही ऐसा सर्कुलर देखा था मेने जिसमे लिखा हुआ था का 20 लाख से महंगी गाड़ी निर्देशक महोदय नहीं खरीद सकते, लेकिन यहाँ तो शान में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, साथ ही फाइव स्टार होटल में पार्टी करके लगभग 11 लोगो के ऊपर 27000 रुपये के लगभग उड़ा देना भी एक तरीके से बड़ी फिजूल खर्चे में आता है, 11 लोगो पर पर व्यक्ति के हिसाब से 2439 रु खरच करना. महोदय आप अपनी जेब से प्रति व्यक्तिके ऊपर 1 लाख रु भी खर्च करोगे तो देश को आपत्ति नहीं होगी लेकिन विकत परिस्थिति में इस तरह से धन की बर्बादी करोगे तो सवाल तो उठेंगे ही -
एक ऐशो आराम की जंदगी के लिए क्या चाहिए ? गाड़ी,बंगाल और पैसा, बस ? बस कहा भैया बंगले में हर कमरे में शानदार टीवी , शानदार फ्रीज, रापचिक इंटीरियर, जबर्दत डाइनिंग टेबल , कुर्सी आदि हो तो तो ऐशो आराम की जिंदगी कट सकती है बिलकुल एक राजा की तरह। सही है न ? तो बिलकुल सही समझे अब निर्देशक महोदय ने अपने घर पर रु 27 लाख से ज्यादा इंटीरियर पर खर्च किये, रु 23 लाख के लगभग डाइनिंग टेबल-चेयर, स्टडी टेबल-चेयर, ऑफिस चेयर,सोफा सेट एवं डबल बेड पर इन्वेस्ट किया जिसकी एवज में फूल आराम उनको Return में मिलता है। इसके अलावा जब आराम कर के थक जाये तो मनोरंजन के लिए घर में चार कलर टीवी जिनकी कुल कीमत 3 लाख 22 हजार 807 रुपये है, भी लगायी गयी है हालाकिं इनको चलने वाले कितने डिश टीवी के सेट लगाए गए है इसका उल्लेख नहीं किया शायद जैसे और बहुत सारी सूचनाएं छुपाई गयी है यह सुचना भी गोलगप्प हो गयी . इसके अलावा 98 हजार 900 रुपये के दो रेफ्रिजरेटर, 56,500 रुपये की दो वाशिंग मशीन , 25,000 रुपये के लगभग एक स्क्रिप्ट लैंप , आदि मिलाकर सरकार धन से कुल पांच लाख 21 हजार रुपये से ज्यादा का इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा है जिसकी सुचना मुहैया करवाई गयी है ।
कहा जा रहा है इसके अलावा भी बहुत आइटम है जिनकी सुचना उपलब्ध नहीं करवाई गयी ।जो कुछ आइटम छूटे हुए प्रतीत होते है वो जैसे गीजर, हीटर, सेट-अप बॉक्स, लैपटॉप, प्रिंटर, डेकोरेटिव आइटम, आदि है, कहा जा रहा है बहुत से आइटम की सुचना जानबूझकर छुपा ली गयी है.अरे निर्देशक महोदय मेरा एक निवेदन है, पूरा भारत जानता है की आप एक बहुत ही बड़े पद पर आसीन हो , लेकिन क्या इस तरह सरकारी धन को उड़ा देना कहा तक वाजिब है यदि खुद का विवेक कुछ बचा हो तो जरूर विचार करना।
Even the doctors they have selected are not IMA approved as I heard
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