यु तो आई आई टी नई-नई शोध के लिए जाना जाता है. यहाँ विद्यार्थी एवं शिक्षक गण शोध करके नई पद्दति के बारे में देश एवं लोगो को अवगत कराते है लेकिन, आई आई टी मंडी के एक अधिकारी ने अपनी एजुकेशन से अब सबको हेरत में डाल दिया है । यु तो भारत में सामान्यत: लोग दसवीं, बारवी, ग्रेजुएशन एवं फिर पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते है, लेकिन आई आई टी मंडी में जूनियर सुपरिंटेंडेंट के पद पर कार्यरत श्रीमान पविन एस सैमुअल ने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद दसवीं की परीक्षा पास करके भारत की शिक्षा नीति में एक नया उदाहरण पेश किया है, साथ ही आई आई टी प्रशासन के स्टाफ की शिक्षा संबंधी गुणवत्ता के ऊपर भी कई सवाल खड़े कर दिए है और देश के बच्चो को बता दिया की, अब स्कूल एवं कॉलेज की मोटी फीस एवं रेगुलर पढ़ाई से आजादी मिल चुकी है । श्रीमान पविन सैमुअल शायद आई आई टी मंडी में विद्यार्थियों, शिक्षकगण,स्टाफ में एक मात्र पहले और आखिरी व्यक्ति होंगे जिन्होंने कभी दसवीं एवं बारवी कक्षा के लिए स्कूल का मुँह नहीं देखा,उससे पहले का में कह नहीं सकता कि उससे पहले कभी स्कूल गए थे या नहीं , स्कूल में 12 वीं तक क...