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आई आई टी मंडी के अधिकारियो की एक और खुरापात ,प्रोफ टिमोथी ऐ गोंसाल्वेस को नियम विपरीत दी प्रोफेसर एमेरिटस (आनरेरी)की उपाधि वो भी बैक डेट में

 आई आई टी मंडी घोटालो,अनियिमितता, भाई भतीजावाद का सबसे बड़ा गढ़, ने अपने काले कारनामो में एक और अध्याय जोड़ लिया है  वो भी अपनी ही मूर्खता के कारण। आई आई टी मंडी के अधिकारियो में कॉन्फिडेंस लेवल इतना ज्यादा है कि हम कुछ भी कर ले हमसे कोई सवाल जवाब करने वाला तो है नहीं इसीलिए भूतपूर्व निर्देशक महोदय जो इन सब घोटालो के सूत्रधार है को सभी घोटाले बाजो की ओर से इनाम स्वरुप  उनके निर्देशक आई आई टी मंडी  कार्यकाल पूरा होने के बाद एक सम्मानित उपाधि से नवाजा। इन मूर्खो की टोली ने इसमें भी घोटाला कर दिया ओर बहुत बड़ी गलती कर बैठे। दरअसल इसे गलती नहीं कह सकते इन लोगो का सरकार पर आँख मूंद कर विश्वास करना कह सकते है की हम कुछ भी करे कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता हमारा,इसलिए ओवर कॉन्फिडेंस में आकर यह कदम उठाया ।


Sujeet Swami File Photo


 दरसल,प्रोफ टिमोथी ऐ गोंसाल्वेस ,आई आई टी मद्रास के नियमित कर्मचारी रहे जो आई आई टी मंडी संस्थान में वर्ष 2010 से 30 जून 2020 तक निर्देशक के पद पर डेपुटेशन के तहत कार्यरत रहे। तदोपरांत 27 जुलाई 2020 को आई आई टी मंडी संस्थान ने उनको एक ऑफिस आर्डर के माध्यम से प्रोफेसर एमेरिटस (आनरेरी) की उपाधि दी एवं साथ में ऑफिस के लिए स्पेस, रहने के लिए गेस्ट हाउस में रियायत पर जगह आदि जैसी सुविधाएं भी दी जो की बैक डेट यानि की 01 जुलाई 2020 से लागु थी। आर टी आई से निकाले गए नियम की कॉपी को जब गहनता से अध्यन किया तो पता चला की प्रोफ टिमोथी को यह दी गयी सम्मानित उपाधि नियमो के परे है । नियमनुसार प्रोफ टिमोथी इस उपाधि के लिए दूर-दूर तक योग्य या वांछनीय नहीं है वो नियमनुसार तय किये गए मापदंडो को पूरा नहीं करते। 

जिस नियम का हवाला इस उपाधि के लिए दिया गया (27 BoG मीटिंग दिनांक 05 अक्टूबर 2019 आइटम नंबर 27.2.4) वो नियम तो कुछ और ही कहता है। उस नियमनुसार केवल आई आई टी मंडी के उस कर्मचारी को इस उपाधि से सम्मानित किया जा सकता है जो आई आई टी मंडी से सेवानिवृत हुए, एवं जिसने रेगुलर पोजीशन पर कम से कम 10 साल तक लगातार सर्विस प्रोफेसर के तहत दी हो, चाहे वो डेपुटेशन पर हो । 


किन्तु प्रोफ गोंसाल्वेस का अपॉइंटमेंट निर्देशक आई आई टी मंडी के पद हुआ जो की पूर्णतया कोंट्राक्टुअल पोजीशन है न की रेगुलर पोजीशन । इसके अलावा प्रोफ गोंसाल्वेस आई आई टी मद्रास से वर्ष 2019 में ही सेवानिवृत हो चुके थे , उनका कॉन्ट्रैक्ट आई आई टी मंडी में जारी रहा इसलिए वो अपना कॉन्ट्रैक्ट सुपरऐनुअशन अवधि में पूरा करते रहे । प्रोफ टिमोथी के ऊपर दया इतनी बरसी की 27  जुलाई 2020 को ऑफिस आर्डर निकाला गया  और यह उपाधि बैक डेट यानि की 01 जुलाई 2020 से ही उनको दे दी गयी हैरानी की बात है की कार्यकाल पूरा होने के जस्ट बाद में.  प्रोफ साहब का कर्यकाल 30 जून को पूरा हुआ और 1 जुलाई से यह उपाधि दे दी गयी । इतना ज्यादा शक्तियों का दुरूपयोग मेने आजतक नहीं देखा ।



हालाँकि अक्टूबर 2019 में बनाया गया यह नियम प्रोफ टिमोथी को एडजस्ट करने के लिए ही था लेकिन नियम बनाते समय शब्दों पर ध्यान नहीं दिया गया और गलती से मिस्टेक हो गयी और इस गलती से हुई मिस्टेक को यह लोग पकड़ नहीं पाए लेकिन मेरी और मेरे सहयोगियों की नजर से यह गलती से की गयी मिस्टेक बच नहीं पाई ।

इन सबको देखते हुए मेने बोर्ड ऑफ़ गवर्नर आई आई टी मंडी , निर्देशक आई आई टी मंडी एवं मंत्रालय में शिकायत डाल कर अपना कर्तव्य पूरा किया और मांग की गई की प्रोफ टिमोथी को दी जाने वाली प्रोफेसर एमेरिटस (आनरेरी) की उपाधि एवं इसके साथ की विभिन्न सुविधाएं पूर्णतया नियमो के परे है। इसको तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना आवश्यक है साथ ही इतनी बड़ी चूक करने वाले सम्ब्नधित अधिकारियो पर भी कारवाही करनी चाहिए । अब देखते है क्या इस शिकायत पर कारवाही होगी या अंधेर नगरी चौपट राजा की तरह इस बार भी कुछ भी रिप्लाई बनाकर शिकायत को बंद कर दिया जायेगा ।


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