- RTU प्रशासन ने दबा रखी है विद्यार्थियों की 43 लाख 84 हजार से ज्यादा की रकम.
राजस्थान तकनिकी विश्वविद्यालय कोटा द्वारा वर्ष 2020 में पास आउट हुए विद्यार्थियों को लगभग एक साल बाद भी अभी तक कॉशन मनी नहीं लौटाई गयी है. विश्वविद्यालय ने परीक्षा नियंत्रक RTU कोटा से प्रोविजनल डिग्री एवं कंसोलोडिटेड मार्कशीट प्राप्त नहीं होने की वजह सेअभियांत्रिकी कोर्स के 632 विद्यार्थियों की कुल 43 लाख 84 हजार रुपये से ज्यादा की जमा रकम वापस नहीं लौटाई. इसके अलावा 48 MBA एवं 9 MTech कोर्स के विद्यार्थियों की कुल 3 लाख 98 हजार रुपये से ज्यादा जमा रकम कोई रिफंड क्लेम सम्बंधित दस्तावेजों के साथ नहीं मिलने से रोक रखी है.
चीफ प्रॉक्टर RTU के द्वारा दी गयी जानकारी में बताया गया की बैच 2016-2020 के तीन कोर्स अभियांत्रिकी, एम.बी.ए, एवं एम.टेक में पंजीकृत 689 विद्यार्थियों द्वारा कुल 48 लाख 47 हजार 500 रुपये की कॉशन मनी कॉलेज में दाखिले के समय जमा करवाई गयी थी. जमा राशि में से ECK अलुमनी एसोसिएशन/ लाइब्रेरी देय राशि 4 लाख 63 हजार रुपये काटने के बाद विद्यार्थियों को 43 लाख 84 हजार 497 रुपये का भुगतान करना किया जाना है. इसके अलावा इसी बैच के 136 ऐसे विद्यार्थियों द्वारा जमा राशि 10 लाख रुपये जो कॉलेज छोड़ गए एवं पास आउट हो चुके है को 59,500/-रुपये काटने के बाद कुल 9 लाख 40 हजार 500 रुपये लोटा दिए गए है.
विद्यार्थी की जमा कॉशन मनी से काट लिए पैसे-
विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के दाखिले के समय जमा करवाई जाने वाली कॉशन मनी में से ECK अलुमिनी एसोसिएशन/ लाइब्रेरी देय राशि के नाम पर कुछ धन राशि काट ली. काटी गयी धनराशि में भी समानता नहीं है. इसी बैच के पास आउट प्रत्येक बीटेक विद्यार्थी से 686 रुपये, एम टेक विद्यार्थी से 500 रुपये एवं एम.बी.ए विद्यार्थी से 572 रुपये जबकि कॉलेज छोड़ने वाले प्रत्येक बी टेक विद्यार्थी से 385 रुपये, पास आउट एवं कॉलेज छोड़ने वाले प्रत्येक एम.टेक विद्यार्थी से 455 रुपये, एम.बी.ए विद्यार्थी से 425 रुपये काट लिए गए.
मेरा मानना है की धनराशि सालभर बाद भी विद्यार्थियों को परीक्षा नियंत्रक से प्रोविजनल डिग्री एवं कन्सोलोडिट मार्कशीट नहीं प्राप्त होने के कारण नहीं लौटाई गयी इसके बारे में विश्वविद्यालय को सोचना चाहिए इसके अलावा जो धनराशि ECK अलुमिनी के नाम पर काटी गयी है यह सरासर गलत है. कॉशन मनी में से इस तरह का डिडक्शन करना बिलकुल भी विद्यार्थियों के न तो हित में है न ही यह ईमानदारी है
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