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4 IITs, 6 IIITs, 5 NITs लम्बे समय से चल रहे बिना नियमित निर्देशक के, साथ ही 8 IITs में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर का चैयरमेन भी नियुक्त नहीं

 18 महीनो से ज्यादा समय से खाली है आई आई टी मंडी एवं आई आई टी इंदौर में निर्देशक का पद तो दो ट्रीपल आई टी को है सालो से अपने नियमित निर्देशक का इंतजार.


यूनियन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया था की पांच आई आई टी और एन आई टी संस्थानों में नियमित निर्देशक के पद खाली पड़े है साथ ही 29 बोर्ड ऑफ़ गवर्नर चैयरमेन के पद भी विभिन्न आई आई टी एवं एन आई टी में खाली पड़े है. इसी विषय में मेरी आर टी आई के संदर्भ में शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए उत्तर से पता चला है दो आई आई टी में 18 महीनो से अधिक तो 1 आई आई टी में 12 महीने से अधिक समय से नियमित निर्देशक का पद खाली है जबकि 1 ट्रिपल आई टी में वर्ष 2013-14 तो दूसरी ट्रिपल आई टी में वर्ष 2015-16 से ही निर्देशक का पद खाली चल रहा है. राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में खाली पड़े इन पदों को भरने में शिक्षा मंत्रालय ने कोई खास रूचि नहीं रखी.हालाँकि यूनियन मिनिस्टर ने पांच आई आई टी में निर्देशक के पद खाली होने का जवाब लोकसभा में 19 जुलाई को दिया जबकि 13 जुलाई को मंत्रालय के द्वारा मुझे दिए गए उत्तर में चार आई आई टी में निर्देशक के पद खाली  होने की बात कही गयी है. 
  
मेने मंत्रालय से सुचना मांगी थी की कितने आई आई टी, ट्रिपल आई टी एवं एन आई टी में निर्देशक के पद खाली है और वो कब से खाली पड़े है. जिसके उत्तर शिक्षा मंत्रलय ने 13 जुलाई माह को दिया.
शिक्षा मंत्रालय ने बताया की आई आई टी इंदौर में 1 जनवरी 2020 से, आई आई टी मंडी में 15 जनवरी 2020 से, आई टी पटना में 03 जून 2020 से एवं आई आई टी दिल्ली में 14 अप्रैल 2021 से नियमित निर्देशक का पद खाली है. इसके अलावा आठ आई आई टी (आई आई टी बॉम्बे,आई आई टी दिल्ली, आई आई टी रूरकी, आई आई टी गांधीनगर, आई आई टी रोपड़, आई आई टी मंडी, आई आई टी तिरुपति एवं आई आई टी गोवा ) में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर के चैयरमेन का पद भी खाली पड़ा है जिसका चार्ज फ़िलहाल छ: अन्य आई आई टी के चैयरमेन एवं 2 सेक्रेटरी उच्च शिक्षा विभाग देख रहे है. शिक्षा मंत्रालय ने आई आई टी मंडी एवं इंदौर के निर्देशक पद की भर्ती के लिए विज्ञापन  भी पद खाली होने के लगभग 10 महीने बाद प्रकाशित किया. शिक्षा मंत्रालय ने बताया की दोनों संस्थनो में निर्देशक के पद की भर्ती के लिए विज्ञापन 10 नवंबर 2020 को जरी किया गया. आई आई टी मंडी के निर्देशक का कार्यभार आई आई टी रूरकी के निर्देशक के पास है जिनका खुद का कार्यकाल जल्द ख़त्म होने वाला है. 

सिर्फ आई आई टी ही नहीं ट्रिपल आई टी भी निर्देशक के पद खाली होने की मार झेल रहे है. ट्रिपल आई टी कोटा में वर्ष 2013-14 से ही नियमित निर्देशक का पद खाली पड़ा है जबकि ट्रिपल आई टी सेनापति(मणिपुर) में वर्ष 2015-16 से नियमित निर्देशक नहीं है. इसके अलावा ट्रिपल आई टी भोपाल में वर्ष 2017-18 से, एबीवी-ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर में 01अगस्त 2019 से,ट्रिपल आई टी रायचूर(कर्नाटक) में वर्ष 2019-20 से एवं ट्रिपल आई टी अगरतला में 27 अक्टूबर 2020 से नियमित निर्देशक का पद खाली है.  शिक्षा मंत्रालय ने बताया की एबीवी-ट्रिपल आई टी एम ग्वालियर को अंतरिम निर्देशक के द्वारा चलाया जा रहा है जबकि अन्य बचे हुए ट्रिपल आई टी को निर्देशक की जगह उनके मेंटर संस्थान के निर्देशक चला रहे है.   
 
राष्ट्रीय तकनिकी संस्थान में भी निर्देशक के पद खाली चल रहे है.देश की राजधानी दिल्ली के एन आई टी दिल्ली में 21अगस्त 2020 से,एन आई टी कालिकट ( केरला) में 19 अगस्त 2020 से, हिमाचल प्रदेश के एन आई टी हमीरपुर में 04 अक्टूबर 2020 से एन आई टी उत्तराखंड में 28 नवंबर 2020 से एवं एन आई टी मिजोरम में 01 जून 2021 से संस्थान का महत्वपूर्ण निर्देशक का पद खाली चल रहा है. 

यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है की देश के राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में निर्देशक एवं BoG चैयरमेन की पोस्ट लम्बे अंतराल से खाली पड़ी है. आई आई टी में 18 महीनो से तो ट्रिपल आई टी में 7 वर्षो से निर्देशक के पद खाली पड़े है. यह पद अति महत्वपूर्ण होते है और संस्थान को सुचारु रूप से चलाने के लिए अतिआवश्यक है. निर्देशक एवं  BoG चैयरमेन की पोस्ट के खाली रहने से संस्थान की कार्यशैली बहुत ही अधिक प्रभावित होती है जिसका सीधा असर संस्थान की गुणवत्ता पर पड़ता है.शोध एवं विद्यार्थियों के हितो को देखते हुए मिशन मोड पर निर्देशक एवं BoG चैयरमेन की भर्ती मंत्रालय को करनी चाहिए.

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