राजस्थान का पहला तकनिकी विश्वविद्यालय RTU कोटा तरस रहा स्टाफ के लिए, है मात्र 41.40% कर्मचारी के भरोसे
रिक्त पड़े है 64% से ज्यादा शैक्षणिक एवं 54% से ज्यादा अशैक्षणिक पद
वर्ष 2006 में कोटा में राजस्थान के पहले तकनिकी विश्वविद्यालय RTU कोटा को खोला गया था ताकि राजस्थान में तकनिकी शिक्षा को नए आयाम मिल सके लेकिन इसे स्थापित किये 15 साल भी नहीं हुए की इसमें कर्मचारियों का टोटा हो गया. विश्वविद्यालय में शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक दोनों कर्मचारियों की रिक्तिया चल रही है. आर टी यू में लगभग 60 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत है तथा 90 से ज्यादा कॉलेज एफिलिएटेड है.
आर टी यू कोटा में शैक्षणिक पद में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के 261 सेंक्शन पदों में से मात्र 93 पद भरे है जबकि 168 पद खाली पड़े है.अशैक्षणिक कर्मचारियों में 382 सेंक्शन पदों में से 173 पद भरे है जबकि 209 पद खाली पड़े है.
प्रोफेसर के 37 पदों में से 26 पद खाली है जिसमे एरोनॉटिकल,पेट्रोलियम, आदि को मिलाकर कुल 20 संकायों में से 13 में एक भी प्रोफेसर नहीं है. एसोसिएट प्रोफेसर के 68 पदों में से 51 पद रिक्त है जिसमे 10 संकायों में एक भी एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है. असिस्टेंट प्रोफेसर के 156 पदों में से 91 पद रिक्त है. पेट्रो केमिकल, आई टी, सेण्टर रेनेवेरल एनर्जी, एमबीए में तो एक भी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं है. इसके अलावा अशैक्षणिक में जैसे लाइब्रेरियन, परीक्षा नियंत्रक, निदेशक, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ( महिला रोग),विधि अधिकारी आदि जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रिक्तिया चल रही है. सबसे ज्यादा अशैक्षणिक में कनिष्ठ सहायक पर रिक्तिया है, कनिष्ठ सहायक में 66 में से 58 पद खाली पड़े है.
नहीं है कोई भी प्रोफेशनल काउंसलर-
यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के सामने आने वाली मानसिक एवं अन्य परेशानियों को दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी में एक भी काउंसलर नहीं है.इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी के लिए यूनिवर्सिटी की डिस्पेंसरी में कोई एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है.
आर टी यू में स्टाफ की शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ की कमी होना काफी चिंताजनक है स्टाफ की कमी से इससे अफिलिटेड कॉलेज के विद्यार्थियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, परीक्षा, कॉपी चेक, रिजल्ट, पंजीकरण आदि बहुत से काम इस वजह से प्रभावित होते है.इससे साथ ही विद्यार्थियों की पढाई पर सीधा प्रभाव पड़ता है.इसके अलावा स्टाफ की कमी की वजह से जो स्टाफ है उनके ऊपर भी अतिरिक्त कार्यभार होना निश्चित है जिससे उनके कार्य करने की गुणवत्ता पर काफी हद तक प्रभाव पड़ता है. सरकार को इसमें त्वरित कारवाही करते हुए भर्ती कर स्टाफ की कमी को दूर करना चाहिए
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