यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा. तिल के तेल में इतनी ताकत होती है यह पत्थर को भी चीर देता है.कहा जाता है कि अगर कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दे और कुछ दिन बाद देखें, तो तिल का तेल, पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके, पत्थर के नीचे आ जायेगा. इसीलिए इस तेल की मालिश करने से हड्डिया मजबूत होती है. तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती में अहम भूमिका अदा करता है. तेल शब्द की उत्पत्ति तिल शब्द से ही हुई है तथा तिल का तेल सिर्फ कच्ची घाणी का ही प्रयोग करना चाहिए. क्या होता है तिल के तेल में? सौ ग्राम सफेद तिल से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता हैं। बादाम की अपेक्षा तिल में छः गुना से भी अधिक कैल्शियम है। काले और लाल तिल में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तअल्पता के इलाज़ में कारगर साबित होती है। तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है। तिल के तेल में प्राकृतिक रूप में उपस्थित सिस्मोल एक ऐसा एंटी-ऑक्...